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विशेष सूचना = सी ० आई ० बी ० एक राष्ट्रीय संगठन है | जिसमे संविधान का अनुपालन करना हमारा नैतिक कर्त्तव्य है| इसके सभी सदस्य अवैतनिक एवं स्वैछा से राष्ट्रीय सेवा हेतु स्वयं संकल्पित है | यदि कोई भी सी ० आई ० बी ० के नाम पर संविधान विरोधी काम करता है, तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा | अनुदान राशि संस्था के खातें में जमा कर रशीद प्राप्त करें | नगद ना दें |- निदेशक :-

Todays Constitution and Democracy(आज का संविधान एवं लोकतंत्र-)

भारत के इतिहास में जब हमारा देश आजाद हुआ तब हमारे देश में वेवस्था को संचालन करने के लिए कानून बना आज कानून बुजुर्ग की भात हो चुका है इसमें तमाम कमियों का अम्बार दिखाई देना शुरू होगया है | इसका कारण है आजादी के बाद जो भारत की दशा थी और जिस दिशा में सरकार को चलाने की आवश्यकता थी उसके विपरीत हमारी व्यवस्थाएं चलती गई आज कानून सिर्फ उद्योगपतियों राजनेताओं एवं माफिया, अपराधियों के हाथ का खिलवाड़ बन चुका है आम गरीब के लिए सिर्फ कानून है इसलिए हमारे देश का जो कानून व्यवस्था है उसमे व्यापक परिवर्तन करने की आवश्कता है | परंतु राजनीतिक स्थितिया देश की व्यवस्था को संचालन कराने वाले जिम्मेदार लोग सिर्फ राजनीतिक कुर्सी के कारण मोहभंग में अपने आप को इतना व्यस्त कर लिया है कि देश को किस दिशा में ले जाना चाहिए इस पर किसी भी प्रकार का कोई भी निर्णय नहीं लिया जा रहा है भारत विभिनता में एकता का परिचय देने वाला राष्ट्र है यहां जाति धर्म मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण में लोगों की विचारधाराएं प्रमुख रूप से आनी चाहिए परंतु लोग इस पर बहुत गंभीर नहीं है भारत का संविधान आए दिन किसी न किसी राजनीतिज्ञों के कारण उसका निराकरण नहीं हो रहा है आज के परिवेश में हमारे संविधान और कानून को एक बड़े व्यापक रूप से बदलाव की जरूरत है जिस प्रकार 60 वर्ष में सरकारी नौकरी करने वाला बुजुर्ग हो जाता है उसी प्रकार हमारा देश को आजादी को 60 वर्ष से उपर गुजर चूका हैं और संविधान की स्थिति और परिस्थितियां के साथ-साथ वर्तमान में जो हालात हैं उनके हिसाब से संविधान में बड़े व्यापक परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है आरक्षण हमारे देश को तोड़ रहा है प्रतिभावान युवा देश छोड़कर के विदेशों में अपना रोजगार ढूंढ रहा है सिर्फ इसलिए कि उसे आरक्षण की नीतियों के कारण अपने आप को कमजोर असहाय महसूस करना पड़ रहा है शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करना पड़ेगा, कानून व्यवस्था में कठोरआत्मक व्यवस्था लाना होगा न्याय प्रणाली में भी हमें बदलाव लाना पड़ेगा आम गरीब आदमी न्याय पाने के लिए सिर्फ तारीखों पर निर्भर हो जाता है लेकिन वही जब बड़े बड़े लोग न्याय पाने के लिए रात को 12:00 बजे सुप्रीम कोर्ट को खुलवा सकते हैं और आम गरीब नागरिक के लिए सिर्फ तारीख पर तारीख मिलती है यह सब हमारे कानून की संविधान में परिवर्तन करने की आवश्यकता है आइए हम सभी युवा पीढ़ी इस देश में सशक्त मजबूत कानून व्यवस्था लाने हेतु अपनी उर्जा और अपनी जागृति को जगाने राष्ट्र को आरक्षण मुक्त बनाने सभी नागरिकों को समान अधिकार समान व्यवस्था को सुचारु करने के लिए हमें एक साथ खड़े होने की आवश्यकता है |